Friday, May 15, 2009

एक लड़की

एक लड़की ने कहा है कि वह आयेगी
जब सूरज झुरमुटों के पीछे छुप जायेगा
जब रात की काली चादर क्षितिज पर औंधे मुंह लेता होगा
जब मेरे आंखों में तुम्हारा नशा रच बस जाएगा
जब गुलमोहर के पेड़ तले मेरे सपने रंगीन ख्वाब समेटेंगे
मैं चुप चाप ले कर हरी घास हाथों में
जैसे तुम्हारे काले बाल
जैसे मेरी यादों के गुबार
जैसे मेरी दोस्ती पर लगा इल्जाम
जैसे लगा था चाँद पर भी दाग
जैसे सीता भी गुज़री थी अग्नि परीक्षा से
मैं भी इन टेढ़े मेढ़े रास्तों के मुंडेर पर
थामे अपने भाग्य की लकीरें
सोचता हूँ
क्यों नहीं मैं आज के गर्भ में बैठे कल की खुशबू
पीता हूँ अपनी आंखों से
जैसे देर तक इंतज़ार मैं बैठा कोई पथिक ताकता है
सूनी अनजानी राहों को।

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