Sunday, May 3, 2009

तुम जियो हजारों साल..........

मेरे दोस्त तुम्हे क्या कहूं आज
मेरा दिल तो जबान को चलने नहीं देता
आज तुम सा एक अजिमुशान शख्स पैदा हुआ था
अज की ही दिन मेरे दोस्ती को मायने मिलना था
तुम हो की मैं हूँ
मैं हो की तुम हो
जब भी दामन फैलाया है
तुम्हारे दामन को बहुत पास पाया है
मेरे दोस्त फिर एक बार दोस्त कह कर पुकारो
मेर चश्मे नम में अब और पानी समा नहीं सकता.

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