Wednesday, December 23, 2009

किसने कहा

आज जब मैं चुप हूँ
तो यह आवाज़ मुझे तरसा रही है
इस सन्नाटे में एक लंबी सी गूँज
कुछ कहती है
ना जाने क्या
सुनूं तो
किसने कहा.

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