Saturday, December 5, 2009

एक गिलहरी

देख कर अकेला खाते मुझे
दस पाँच गिलहरियाँ भी
शेर हो गयीं
मेरे रोटी के टुकड़े मेरे हाथों से छीन ले गयीं
और मैं भयभीत सा असहाय, अपलक देखता ही रहा.

1 comment:

  1. प्रतीकों का सहज एवं सफल प्रयोग किया गया है।

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