Friday, December 4, 2009

ऐ बेफिक्र मन

ऐ मेरे बेफिक्र मन
जरा थम कर सुनो
मेरी कहानी
उसकी ज़ुबानी
फिर कहना
रोये की नही।
मैं तो हंसता रहा
वोह तो रोते रहे
अपनी अपनी किस्मत
अपनी अपनी हदें
कहाँ तक दिखाएँ
आपको अपने ज़ख्म।
चलो बाँट लेते हैं
कुछ अपनी दुआएं
कुछ तुम ले जाओ
कुछ हम साथ लायें।

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