Sunday, June 14, 2009

सफ़ेद हाथी का दुःख

बेचारा सफ़ेद हाथी
क्यों इस कदर बदनाम है
हर निकम्मे को सफ़ेद हाथी ही कहते हैं
न जाने क्यों हर आदमी बेताब है उसे नाम देने को
सही ही वह सोचता है
क्यों काला हाथी नही पाता है बदनामी
वह भी तो हाथी ही है
मनुष्य की जाती में तो कला रंग ही शोषित हुआ है
रंग भेद पर किताबें लिखी जाती रही हैं
और भारत में तो गोरे रंग को कितना सम्मान मिला है
गोरे रंग पर इतना गुमान ना कर जैसे गीत लिखे जाते रहे हैं
काले रंग को सफ़ेद करने के क्रीम बिकते हैं
काली या सांवली लड़की की शादी में आती हैं दिक्कतें
फिर क्यों मुझ सफ़ेद हाथी को लताड़ते हो
क्यों मुझे नामों से पुकारते हो
मुझे भी गोरों की तरह सम्मान मिलना चाहिए
मुझे भी एक बहले नाम से पुकारना चाहिए
क्यों मैं ही हिकारत भरी ज़िन्दगी जीने को मजबूर हूँ
सफ़ेद हाथियों के भी अपने अधिकार और सम्मान हैं
कब हमें अपनी उचित जगह मिलेगी?

1 comment:

  1. सफेद हाथी को पालना बहुत खर्चीला होता है, देखबाल की बहुत जरूरत होती है और वह काले हाथी जितना काम भी नही करता इसीलिये अपने औकात से बाहर की चीज करने वाले को सफेद हाथी पाल रहा हे कहते हैं ।

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