Friday, February 19, 2010

किसकी किस्मत है यह

जब रास्ते छूट गए उजालों में
मैंने अंधेरों में खोजे हैं रंगों के मानी
लोग कहते हैं कि है यह किस्मत मेरी
मैंने अपनी लकीरों में तलाशे हैं कुछ अनजान से चेहरे
देख कर बताओ तो इनमे कोई शक्ल तुम्हारी तो नहीं?

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