Sunday, March 30, 2014



एक ख्वाब
एक एहसास
एक रोज़
आते रहे
दबे पाँव
जैसे तुम्हारे ख्याल
हौले से
आते हैं
दुलराने को
समझाने को
मनाने को आया
एक नया
शख्स अंजाना।
उड़ता रहा
आँखों में पड़ती धुल
एक समय से
आती रही
खुश्बू किसी सोच की
सोच जो नादान थी
सोच जो बेरंग थी
तुमने कहा
मैंने सुना
उसकी चीख
मेरी पुकार
सुनो दास्ताँ
सुनाता एक फ़साना
जरा दिल थाम कर बैठो।

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