kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Friday, November 13, 2009
में में में
एक बकरी मिमियाती
हदस में अधिक घास खाती
प्यास से तड़पती
बेचारी को क्या पता
कब वोह किसी के डिनर प्लेट पर सज जाए
और कीजिये आत्मा परमात्मा पर चर्चा।
1 comment:
Randhir Singh Suman
November 13, 2009 at 6:21 AM
nice
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nice
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