kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Saturday, November 28, 2009
एक लकड़ी का धुआं
सूखी एक लकड़ी
पाने को गर्मी , जला ली मैंने
कहीं से एक बन्दर भी आ गया हाथ सेंकने
और पल भर बाद
आ गए कुछ और नारेबाजी वाले
उन्होंने भी अपने जेब सेंके.
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