kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Sunday, November 29, 2009
उनकी मजबूरी
जो प्यासे हैं
वे कुछ भी पी लेंगे
उनसे
ना पूछो पानी की जाति
कभी जाड़े की धुप से उसका रंग पूछा है
तो पानी से ही क्यों?
मेरी तेरी उनकी मजबूरी
भूख
और प्यास की है
पानी के रंग से अपना क्या वास्ता?
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