kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Tuesday, December 29, 2009
देखो यही है दुनिया
खट्टे मीठे
कुछ कच्चे कुछ पक्के
बिना दांत के
चबाये कच्चा गोश्त
फटे आसमान को ताकता
एक चील
निगलने को आतुर
एक मगरमच्छ।
ऐसे में जीना
आसान है क्या?
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment