kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Tuesday, December 15, 2009
एक नुस्खा यह भी
चूभाओ सुई तो निकलेगा खून
मेरे अतीत की परछाईयाँ
मेरे वजूद से खून बनकर
निकले और बोले
सुनो, कौन हूँ मैं?
1 comment:
मनोज कुमार
December 16, 2009 at 7:17 AM
सुनो, कौन हूँ मैं
सुनो, कौन हूँ मैं
रचना अच्छी लगी ।
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सुनो, कौन हूँ मैं
ReplyDeleteसुनो, कौन हूँ मैं
रचना अच्छी लगी ।