kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Wednesday, January 13, 2010
तुम पुकारो मेरा नाम
दूर जहाँ तुम जहाँ हो
उन्ही दूरियों से
छू कर मेरे अरमान,
सहला कर मेरे दर्द,
मेरे सोये ख्वाबों को ना छेड़ो।
अगर कर सकते हो तो पुकारो मेरा नाम
क्या पता कहीं लुप्त मेरी खुशियाँ
खोजने निकल पड़े मुझे!
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