kavita-akavita
ek afsaana sunaa sunaa saa
Sunday, January 10, 2010
जो भी बाकी था
हमने कही
हर वह बात जो कहनी थी
तुमने हर बात पर पर्दा किया
हर एक बात जो हम पर बाकी था
हर एक सांस जो हम पर उधार था
हर एक ख्याल जो बसी सी रोटी कि तरह
उतरती नहीं गले के नीचे
मैं तुम्हारी राह देखता हूँ.
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