एक आदमी ने पूछा
इस सड़क कि मौत कब हुई
औचक चाय वाले ने अपनी नाड़ी टटोली
फल वाले ने भी निकालकर अपनी ज़बान दिखाया रिक्शेवाले को
रिक्शेवाले ने बजा कर घंटी किया आश्वश्त स्वयं को।
तभी उड़ता तिनका पडा आँख में
लाल आँखों से घूरता देर तक
देखा खड़े लोगों को
ली लम्बी सांस
और फिर हिला कर दम
अपने मालिक कि लम्बी चेन को खींचता
भूंकता हुंकारता
जीवन से हो प्रसन्न
चला गया।
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