ऊँचे ऊँचे मकानों में
रहने वाले लोग कैसे नीले नीले लगते हैं
उन ऊँचाइयों पर हवा कम होती होगी शायद
और नीचे चलते लोग कैसे बौने से दीखते होंगे
अपनी कद फिर और भी लम्बी लगती होगी।
यही सब सोचता
टकरा गया मैं
सड़क पर चलते दुसरे आदमी से
पता भी नहीं चला
कब जेब कट गयी मेरी।
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