दोस्त मेरे कुछ नए नए से मजाज़ फिर भी वही पुराने से
हलक से न उतर जाये यह ज़हर आज.
किसी दोस्त का ज़ख्म है ज़रा वफ़ा से देखिये
मेरे जिस्म में अभी थोड़ी हरकत बाकी सी लगती है.
कहा तो सब मगर बहुत रह गया अनसुना जैसा
ज़िन्दगी एक पहेली सी थी मगर काफ़िर के ऐतबार जैसा.
एक सफ़र का दरमयान है, एक उम्र का फासला है
प्यार एक कहानी है, मैंने कह दिया, तुमने सुन लिया.
हलक से न उतर जाये यह ज़हर आज.
किसी दोस्त का ज़ख्म है ज़रा वफ़ा से देखिये
मेरे जिस्म में अभी थोड़ी हरकत बाकी सी लगती है.
कहा तो सब मगर बहुत रह गया अनसुना जैसा
ज़िन्दगी एक पहेली सी थी मगर काफ़िर के ऐतबार जैसा.
एक सफ़र का दरमयान है, एक उम्र का फासला है
प्यार एक कहानी है, मैंने कह दिया, तुमने सुन लिया.
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